मृत्यु जीवन के मैं बीच ...
मृत्यु जीवन के मैं बीच, सोच रहा किसका पक्ष लू ?
मृत्यु को सोच मुझे यह लगता, रहूँगा सुखी रहूँगा हँसता !
चिंता से मुक्त डर से दूर, शांत रहेगी मेरी मन-छाया !!
पर फिर मुझे जीवन याद दिलाती, जीवन आशा, नही निराशा बतलाती !
मनुष्य होने का गर्व मुझे सिखलाती, पग-पग पर मेरा जोश बढ़ाती !!
-- poem by 18 year old me
मृत्यु को सोच मुझे यह लगता, रहूँगा सुखी रहूँगा हँसता !
चिंता से मुक्त डर से दूर, शांत रहेगी मेरी मन-छाया !!
पर फिर मुझे जीवन याद दिलाती, जीवन आशा, नही निराशा बतलाती !
मनुष्य होने का गर्व मुझे सिखलाती, पग-पग पर मेरा जोश बढ़ाती !!
-- poem by 18 year old me
Comments
Post a Comment